किसी भी वेबसाइट को इंटरनेट पर दिखाने के लिए हमें वेब होस्टिंग का सहारा लेना पड़ता है यदि आप वेबसाइट बनाने जा रहे हैं हम लोग लिखना है तो यह जानना है कि वेबसाइट कैसे बनाते हैं तो आपको बेबी स्टोरिंग के बारे में जानना बहुत जरूरी होना चाहिए
इस आर्टिकल में जानेंगे कि वह बूस्टिंग क्या होती है कितने प्रकार की होती है और यह कैसे काम करती है क्या क्या फीचर होते हैं डोमिनोस टीम में क्या क्या फर्क है ब्लॉग और वेबसाइट बनाने के लिए होस्टिंग की जरूरत हमें क्यों पड़ती है
वेब होस्टिंग क्या है (what is web hosting in Hindi)
जवाब एक आइडिया ब्लॉक मनाते हैं तो आपको उसके सारे कांटेक्ट इमेज वीडियो आदि को सरवर में स्टोर करना पड़ता है ताकि दूसरे इंटरनेट के जरिए आपकी वेबसाइट को एसएस कर पाए मतलब उसे देख पाए
वेबसाइट होस्टिंग के लिए एक पावरफुल सिल्वर की जरूरत होती है जो हमेशा इंटरनेट से कनेक्ट होनी चाहिए ताकि वेबसाइट 24 घंटे में किसी यूजर के पास आसानी से शुरू होने लगे
इस प्रकार समर को हम खुद मेंटेन नहीं कर सकते क्योंकि इसका मेंटेनेंस कोर्स बहुत अधिक होता है इसलिए वैभव स्टिंग के लिए वेब होस्टिंग कंपनी का सहारा लेना पड़ता है वह पोस्टिंग कंपनी के पास खुद का पावरफुल सरवर होता है और इनके टेक्निकल स्टाफ होते हैं
हम इसके मांस यह सालाना पैकेज के हिसाब से पोस्टिंग को खरीदना पड़ता है यह वेबसाइट में बहुत जरूरी काम आता है और इसके सरवर में हमें देश मिल जाता है ताकि हम अपने पोस्ट को इसमें डाल सके यहां जब आसानी से अपने वेबसाइट को होस्ट कर सकते हैं
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domainracer web hosting भारत की सबसे अच्छी वेबसाइट इन है और डोमेन सेवर प्रार्थना में एक है आज के युग में जो मैंने सेट की स्पीड सिक्योरिटी लायबिलिटी अधिक मामलों में अच्छी सर्विस प्रोवाइड करता है
अगर आप मार्केट में अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं आपके लिए डोमेनरेसर होस्टिंग हो सकता है यह वेब होस्टिंग सिर्फ सस्ती ही नहीं बल्कि स्पीड भी तेजी है डोमेनरेसर का पेज लोड करने का समय बहुत कम है गोडैडी ब्लूहोस्ट आदि कंपनी अभी मार्केट में आती हैं इनको हम वेब होस्ट भी कहते हैं
इसका मतलब हम यह भी कह सकते हैं कि हमें अपने कंप्यूटर की चीजें दूसरे के कंप्यूटर में सेव रख सकते हैं और वह कभी भी बैकअप ले सकते हैं
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वेब होस्टिंग कैसे काम करता है
जब हम अपना वेबसाइट बनाते हैं कि हम अपना नॉलेज होने इनफार्मेशन लोगों के साथ बांटे इसके लिए हमें अपनी फाइल और वैभव ऑस्टिन अपलोड करना पड़ता है
ऐसा कर लेने के बाद कोई भी इंटरनेट यूज अपना वेब ब्राउजर मोज़िला फायरफॉक्स क्रोम ओपेरा पर अपना डोमेन नेम टाइप करता है कोई भी डोमेन टाइप करते हैं वह सुबह सर्वर से जोड़ देता है जहां के वेबसाइट का फाइल पहले से ही स्टोर रखा गया है जोड़ने के बाद वेबसाइट का सारा इंफॉर्मेशन यूजर के कंप्यूटर में पहुंच जाता है या फिर यूजर जरूरतों के हिसाब से आपके पेज को देख सकता है
डोमेन नेम को होस्टिंग में जोड़ने के लिए डोमेन नेम सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है डोमेन को यह पता चलता है कि आपकी वेबसाइट कौन से सरवर में रखा गया है क्योंकि सरवर का डीएनए अलग-अलग होता है
वेब होस्टिंग कहां से खरीदें
दुनिया में बहुत सारे कंपनी है जो बेहतर बेहतर पोस्टिंग प्रोवाइड करता है अगर आप चाहते हैं आपके सारे विजिटर इंडिया से ही हो तो आपको होस्टिंग के लिए होस्टिंग सर्वर कंट्री से जितना दूर रहेगा वेबसाइट को एसेस करने में आपको इतना टाइम लगेगा
अगर आप इंडियन के जितने भी पोस्टिंग प्रोवाइडर है उसे उसने खरीदते हैं तो आपके लिए क्रेडिट कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी आप अपने एटीएम कार्ड इंटरनेट बैंकिंग के जरिए से भी वेब होस्टिंग खरीद सकते हैं डोमेन नेम के साथ जोड़ एसएस कर सकते हैं
आप अपनी पोस्टिंग फेमस कंपनियों से ले सकते हैं जैसे कि
- bigrock
- bluehost
- Godaddy
- hostinger
यह आर्टिकल भी होस्टिंग इंडिया के हॉस्टल में चल रहा है वर्डप्रेस ब्लॉग के लिए वर्डप्रेस कंपनी ब्लूहोस्ट कोरे कमांडेंट करता है चाहे तो दूसरे होस्टिंग भी आप ले सकते हैं जो आपको बेस्ट और चीप रेट में मिले वह आप ले सकते हैं
कौन सी कंपनी से होस्टिंग खरीदें
वेब होस्टिंग खरीदने के लिए आपके पास बहुत सारे ऑप्शन आएंगे पर आपको डिसाइड करना बहुत जरूरी है आपको कौन से कंपनी की होस्टिंग लेनी है
disc space
डिफेंस बेस होता है होस्टिंग का स्टोरेज कैपेसिटी जैसा आपके कंप्यूटर में 500GB और 1TB स्पेस है उसी तरह होस्टिंग में स्टोरेज होता है अपनी स्टोरेज के हिसाब से पोस्टिंग हमें लेनी चाहिए इसमें डिक्स फुल होने का खतरा नहीं रहता
brandWIDTH
यह साइकिल में अपनी वेबसाइट के लिए डाटा एसएस करते हैं हमें अपना ब्रांड विद कहते हैं जब कोई आपकी वेबसाइट को एसएस कर रहा है तो आपका सरवर कुछ टाटा उसे इन्फॉर्म शेयर कर देता है आपका ब्रैंडविथ कम और आपके वेबसाइट को ज्यादा लोग एसएस कर पाएंगे
Uptime
आपकी वेबसाइट जितने टाइम ऑनलाइन है अवेलेबल है उस टाइम को अब टाइम कहते हैं कभी-कभी कुछ प्रॉब्लम के कारण वेबसाइट का डाउन हो जाना मतलब खुल नहीं पाती हमें इसका डाउनटाइम कहते हैं
Customer service
हर होस्टिंग कंपनी कहता है कि 24/h कस्टमर सर्विस देते हैं पर आखिर में ऐसा नहीं होता जिस की भी होस्टिंग सर्विस है कस्टमर सर्विस होस्टिंग कर देता है गोडैडी कस्टमर सर्विस केवल आपके फोन पर ही बात करता है
वेब होस्टिंग के प्रकार (type of web hosting)
आपने तो जान लिया बहन होस्टिंग क्या होता है कैसे काम करता है जब आप यह जानते हैं कि यह कितने तरह के होते हैं वह बोस्टिंग बहुत से प्रकार होते हैं लेकिन आज के वक्त में जो सबसे ज्यादा यूज करते हैं जो वेबसाइट बनाने के काम आते हैं उन सभी के बारे में इस आर्टिकल में जानेंगे
- shared web hosting
- VPS
- dedicated hosting
- cloud web hosting
- shared web hosting
जब हम घर से बाहर कहीं पढ़ने जाते हैं जॉब के लिए जाते हैं तो किराए वाले घर में रहना पड़ता है दूसरे लोग एक साथ एक रूम में शेयर करते हैं उसी तरह से रोस्टिंग काम करता है शेयर वेब होस्टिंग एक ही सरवर होता है जहां सभी वेबसाइट के फाइल एक साथ ही सर्वर कंप्यूटर में लोड किए जाते हैं होस्टिंग का नाम शेयर्ड रखा गया है
shared web hosting उन लोगों के लिए बहुत सैया जी ने अपना वेबसाइट नया नया बनाया है क्योंकि यह होस्टिंग सबसे सस्ती होती है इस ऑस्टिंग से आप के मुताबिक आपका वेबसाइट मशहूर हो जाए और जब आपके वेबसाइट में विजिटर बढ़ने लगे तो अपना होस्टिंग चेंज कर सकते हैं
शेयर वेब सर्वर है अगर कोई वेबसाइट बहुत व्यस्त हो जाए और बाकी सारे वेबसाइट इसके कारण भी में हो जाए और उसके पेज को खुलने में वक्त लग जाइए वेब होस्टिंग का सबसे बड़ा dermit है
shared web hosting
- यह होस्टिंग का इस्तेमाल और सेट अप करना बहुत आसान है
- वेबसाइट के लिए यह बढ़िया ऑप्शन है
- इसकी कीमत बहुत कम होती है
- कंट्रोल पैनल बहुत ही user-friendly होता है
shared hosting के नुकसान
- इसमें आपको बहुत ही लिमिटेड रिसोर्सेस एसएस करने को मिलेगी
- क्योंकि आप इसमें सरवर को दूसरे के साथ शेयर करते हैं इसलिए आपकी परफॉर्मेंस थोड़ा धीमी हो सकती है
- सिक्योरिटी थोड़ी अच्छी नहीं होती
VPS hosting
- वीपीएस होस्टिंग को हम अपने शेयर डेलिकेट होस्टिंग दोनों को साथ समझते हैं इस मॉडल में आपके पास डेडीकेटेड सर्वर होता है लेकिन यह सब रेवोल्टेड सरवर होता है कि फिजिकल चलाना थोड़ा विस्तार समझते हैं
- यहां पर एक सरवर को अलग-अलग कई सारे वर्ग व सरवर में बांटा गया है एक वेबसाइट के लिए वर्चुअल सर्वर दिया जाता है उसी से पर आधारित होता है
- यहां पर शेयर होस्टिंग के मुकाबले वेबसाइट को अधिक सुपर कंप्यूटर पावर ब्रेक मिलता है इसमें वीपीएस होस्टिंग को शेयर होस्टिंग के मुकाबले अधिक फास्ट हो जाता है
- यह डेडीकेटिंग से बेहतर तो नहीं लेकिन शेयर होस्टिंग से ज्यादा अच्छा है आपको लगता है कि आपकी साइट पर वॉल्यूम ट्रैफिक होने वाला है इससे वीपीएन होस्ट में कुछ इमिटेशन होते हैं
VPS hosting के फायदे
- इस होस्टिंग में सबसे बेहतर परफॉर्मेंस मिल जाती है
- इस स्टिंग में डेडीकेटेड होस्टिंग की तरह ही फुल कंट्रोल मिलती है
- इसमें आपको ज्यादा फ्लैक्सेबिलिटी मिलती है क्योंकि आप इसे अपने तरीके से कस्टमाइज कर सकते हैं
- डेडिकेट होस्टिंग के तुलना में यह ज्यादा कीमत नहीं होती इसके चलते कोई भी खरीद सकता है ट्रैफिक दादा मिलता है
- इसके अलावा इसमें आपको इच्छा अनुसार प्रदान किया जाता है
VPS hosting नुकसान
- इसमें आपको डेडीकेटेड होस्टिंग की तुलना में कमलेश्वर प्रदान किया जाता है
- इसमें इस्तेमाल करने के लिए आपके पास टेक्निकल नॉलेज का होना बहुत ही जरूरी है
dedicated hosting
जितना शेयर होस्टिंग में बहुत सी वेबसाइट है कि सरवर का जगह लेते हैं डेडीकेट होस्टिन उसका पूरा उल्टा एक उदाहरण ठीक से वही है जैसे एक जगह पर एक ही चीज रहेगी
डेडीकेट होस्टिंग में जो सरवर होता है वह सिर्फ एक ही वेबसाइट का फाइल स्टोर करके रखता है यह सबसे तेज सफर होता है शेयर नहीं होता यह होस्टिंग सबसे महंगी होती है क्योंकि इसका पूरा किराया केवल एक ही व्यक्ति उस कर सकता है एक वेबसाइट में हम रखते हैं
dedicated hosting के फायदे
- इस लाइन को सर्वर के ऊपर ज्यादा कंट्रोल फ्लैक्सिबल दिया जाता है
- सभी वॉशिंग की तुलना तुलना में इसमें सिक्योरिटी बहुत होती है
- यह सबसे ज्यादा स्टेबल होता है
- dedicated hosting के नुकसान
- यह सभी होस्टिंग की तुलना में महंगा होता है
- इसे कंट्रोल करने के लिए आपके पास टेक्निकल नॉलेज होना बहुत ही जरूरी है
- यहां पर आपको अपने प्रॉब्लम को सॉल्व करने होते हैं
cloud web hosting
डेडीकेट सबोरो बी पी एस के साथ समस्या यह है कि आपके पास रिसोर्स कम होते हैं यह स्टोर ओं कैपेसिटी एक लिमिटेड होती है जबकिवेबफाइल इमिटेशन तक पहुंच नहीं पाते लेकिन कभी-कभी साइड कुछ कांटेक्ट वायरल होने के कारण लिमिटेड पूरी हो जाती है इसको हैंडल करना मुश्किल होता है
इन समस्याओं का सॉल्यूशन आपको क्लाउड होस्टिंग में मिलता है यह आप पर कोई सरवर नहीं बल्कि यह सारे सरवर एक साथ मिलकर वेबसाइट को होस्ट कर देते हैं
क्लाउड होस्टिंग पिछले कुछ सालों में क्लाउड होस्टिंग बहुत ही ज्यादा पॉपुलर हो चुका है
होस्टिंग पर अपनी वेबसाइट पर वॉल्यूम को कोई नुकसान नहीं होता
अब एडिटिंग इसमें पूरा सर्वर को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं आप किसी सर्वर सेटिंग को नहीं बदल सकते कोई विशेषता सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं कर सकते
क्लाउड होस्टिंग का कौन उपयोग करता है
क्लाउड होस्टिंग बहुत ही फ्लैक्सिबल होस्टिंग है आप अपनी जरूरत के अनुसार डिकसित स्पेस मेमोरी को बढ़ा सकते हैं यह ऑर्गेनाइजेशन के लिए परफेक्ट है वेबसाइट ओनर जो समय-समय पर ट्रैफिक स्पाई की वजह से परेशान रहते हैं उसके लिए बहुत जरूरी है
Linux vs window web hosting in Hindi
होस्टिंग खरीदते समय आपके पास दो ऑप्शन रहते हैं एक लाइनेक्स विंडो का भी यह दोनों में क्या फर्क है चलिए जानते हैं आप दोनों में से कोई भी होस्टिंग यूज कर सकते हैं पर विंडो होस्टिंग थोड़ा महंगा होता है लाइनेक्स एक ऑप्शन रिसॉर्ट ऑपरेटिंग सिस्टम है तो इसने यूज करने के लिए केबल होस्टिंग कंपनी को पैसे देने नहीं पढ़ते इसलिए यह सस्ता होता है
पर विंडो के लाइसेंस के लिए कंपनी को पैसे देने पड़ते हैं इसलिए यह महंगा होता है दोनों ही शरबत बहुत ही अच्छे होते हैं पर लाइनेक्स को विंडो से ज्यादा सीखे और माना जाता है आप ज्यादातर ब्लॉग और वेबसाइट को लाइनेक्स के सर्वर पर ही पाएंगे क्योंकि ये सस्ता और विंडो अच्छा होते हैं
4 thoughts on “वेब होस्टिंग क्या होती है what is web hosting in Hindi वेब होस्टिंग के काम”